लोककला टेस्ट – 01 1 Comment / राजस्थान सामान्य ज्ञान / By admin 0% 28 Rajasthan GK In Hindiलोककला टेस्ट - 01 1 / 151. निम्नलिखित किस ऐतिहासिक ग्रन्थ में ‘पोमचा’ के बँधेज का उल्लेख किया गया है? बीसलदेव रासो (नरपति नाल्ह) खुमाण रासो (दलपत विजय) पद्मावत (मलिक मोहम्मद जायसी) पृथ्वीराज रासो (जयनक) 2 / 152. पड़ कला को विश्व में ख्याति दिलाने का श्रेय प्राप्त करने वाले एकमात्र कलाकार हैं - श्रीलाल जोशी कन्हैयालाल जोशी शांतिलाल जोशी कल्याण जोशी 3 / 153. देश का प्रथम पड़ चितेरी महिला हैं - पार्वती देवी रमा देवी श्यामा बाई गौतमी देवी 4 / 154. कठपुतली कला के विस्तार एवं विकास हेतु किस संस्थान ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है? पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर जवाहर कला केन्द्र, जयपुर भारतीय लोक कला मंडल, उदयपुर रूपायन संस्थान, जोधपुर 5 / 155. चावण्डा जी के पड़वाचक एवं वाद्य हैं - बागरी, बिना वाद्य भाट, जंतर बावरों, डमरू एवं थाली नायक, तरनामी 6 / 156. मोरड़ी, मांडना किस जाति की परम्परा का अंग है? भील मीणा गरासिया डामोर 7 / 157. राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में घर की छोटी-मोटी चीजों को सुरक्षित रखने हेतु बनाई गई मिट्टी की महलनुमा चित्रित आकृति कहलाती है - बटेवड़े हीड़ घोड़ा बावसी वील 8 / 158. चंदन काष्ठ कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध स्थान है - उदयपुर बस्सी जयपुर बीकानेर 9 / 159. निम्न में से वस्त्र चित्रण की ‘कलमकारी कला’ का उदाहरण है - अजरख प्रिंट पड़ बन्धेज उपर्युक्त सभी 10 / 1510. वह वाद्य यंत्र, जिसका प्रयोग बगड़ावतों की कथा गाते समय गूजरों के भोपे गले में लटकाकर करते हैं - ढोल जंतर ताशा सारंगी 11 / 1511. सुमेलित कीजिए : सूची-1 सूची-2 (अ) कागज पर (a) कावड़ नि£मत चित्र (ब) लकड़ी पर (b) पाने नि£मत चित्र (स) कपड़े पर (c) पटचित्र नि£मत चित्र (द) मानव शरीर (d) गुदना पर नि£मत चित्र (अ)-1, (ब)-2, (स)-3, (द)-4 (अ)-4, (ब)-3, (स)-2, (द)-1 (अ)-2, (ब)-1, (स)-4, (द)-3 (अ)-2, (ब)-1, (स)-3, (द)-4 12 / 1512. सबसे लोकप्रिय पड़ है - पाबू जी की पड़ तेजा जी की पड़ डूँगजी-जवाहर जी की पड़ भैंसासुर की पड़ 13 / 1513. सबसे अधिक चित्रांकन एवं सबसे लम्बी गाथा किस पड़ में मिलती है? पाबू जी की पड़ गोगा जी की पड़ देवनारायण जी की पड़ जसनाथ जी की पड़ 14 / 1514. असत्य कथन का चयन करें : कठपुतली कला की जन्मस्थली गुजरात है कठपुतली नाटक में पुतलियों के सूत्रधार को ‘स्थापक’ कहा जाता है कठपुतली का निर्माण मुख्यत: चित्तौड़गढ़, उदयपुर एवं जयपुर में होता है कठपुतलियाँ अरडू की लकड़ी से बनाई जाती हैं 15 / 1515. वह पड़ जिसका वाचन नहीं किया जाता केवल पूजा की जाती है - पाबू जी की पड़ हड़बू जी की पड़ गोगा जी की पड़ भैंसासुर जी की पड़ Your score isThe average score is 49% Facebook Twitter 0% Restart quiz
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