अकाल एवं सुखा टेस्ट – 01 1 Comment / राजस्थान सामान्य ज्ञान / By admin 0% 4 Rajasthan GK In Hindiअकाल एवं सुखा टेस्ट - 01 1 / 201. निम्न में से कौन-सा कार्यक्रम अकाल की समस्या से निपटने हेतु नहीं है? काम के बदले अनाज योजना व्रूेफी कार्ड योजना जलधारा योजना मरु विकास कार्यक्रम 2 / 202. ‘छप्पनियाँ अकाल’ के नाम से प्रसिद्ध अकाल कब पड़ा? 1889 विक्रम संवत् शक संवत् 1856 1956 विक्रम संवत् सन् 1856 3 / 203. अकाल के प्रमुख कारणों में शामिल है- वर्षा की अनिश्चितता एवं अपर्याप्तता नियतवाही नदियों का अभाव वनों की अंधाधुंध एवं अतार्किक कटाई उपर्युुक्त सभी 4 / 204. अकाल पड़ने पर राहत हेतु किये जाने वाले सरकारी कार्यों में निम्न में कौन-सा शामिल है? भू-राजस्व वसूली का स्थगन सस्ता चारा वितरण केन्द्र खोलना किसानों के अल्पकालिन ऋणों को दीर्घकालिन ऋणों में परिवर्तित करना उपर्युुक्त सभी 5 / 205. फूड स्टैम्प योजना के अंतर्गत सरपंच किसी परिवार में राशन न होने पर कितने किलो अनाज का फूड स्टैम्प नि:शुल्क दे सकता है? 10 किलो 20 किलो 25 किलो 35 किलो 6 / 206. प्राकृतिक आपदाओं यथा अकाल, भूकम्प, बाढ़ आदि से निपटने हेतु स्थापित प्राकृतिक आपदा राहत कोष में केन्द्र एवं राज्य सरकारों का अंशदान है- 1 : 1 3 : 1 2 : 1 4 : 1 7 / 207. राजस्थान में बहुधा सूखा एवं अकाल पड़ने का आधारभूत कारण है- विवेकहीन एवं अवैज्ञानिक ढंग से पानी का उपयोग मिट्टी एवं वनों का अवक्रमण अनियमित, अपर्याप्त एवं अनिश्चित वर्षा अरावली का दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर प्रसार 8 / 208. अकाल को कम करने के दीर्घकालिक उपाय हैं- उपलब्ध जल संसाधनों का दीर्घकालिन एवं उचित प्रबंधन ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विविधीकरण विविध बहुउद्देशीय परियोजनाओं को प्राथमिकता अनुक्रम में शीघ्र पूर्ण करना उपर्युक्त सभी 9 / 209. राजस्थान का कौन-सा भाग सूखा एवं अकाल के स्थायी क्षेत्र के रूप में जाना जाता है? पूर्वी पश्चिमी उत्तरी दक्षिणी 10 / 2010. मरुस्थलीकरण की प्रक्रिया किस का प्रतिफल है? प्राकृतिक प्रक्रियाओं एवं मानवीय क्रियाकलापों के प्रभावों का प्राकृतिक प्रक्रियाओं के प्रभावों का संसाधनों के अत्यधिक दोहन से उत्पन्न प्रभावों का मानवीय क्रियाकलापों के प्रभाव 11 / 2011. अनावृष्टि जनित अकाल को राजस्थान में क्या माना जाता है? स्थायी पाहुना दुर्भिक्ष दुस्काल छपन्ना 12 / 2012. स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद के 50 वर्षों में राजस्थान में किस वर्ष विनाशकारी अकाल पड़ा? 1953-54 1956-57 1987-88 1977-78 13 / 2013. राज्य में किसी भी व्यक्ति की भूख से मौत न हो, इस हेतु 15 अगस्त, 2004 से प्रारम्भ की गई योजना है- काम के बदले अनाज योजना जलधारा योजना फूड स्टैम्प योजना सूखा सुरक्षा कवच योजना 14 / 2014. राजस्थान में अकाल से जुड़ी कहावत ‘तीजो कुरियो आठवों काल’ में कुरिया से अभिप्राय है- अर्द्ध-अकाल पूर्ण-अकाल त्रिकाल महाकाल 15 / 2015. राजस्थान के किसानों के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंश कंपनी ऑफ इंडिया द्वारा शुरू की गई योजना है- फूड स्टैम्प योजना सूखा सुरक्षा कवच योजना के्रफी कार्ड योजना उपर्युक्त में से कोई नहीं 16 / 2016. पग पूगल धन कोटडे़ बाहु बाड़मेर जाये लादे जोधपुर, ठांवो जैसलमेर। उपर्युक्त कहावत संबंधित है- अकाल से अतिवृष्टि से अनावृष्टि से भुखमरी से 17 / 2017. ‘सहसा मूदसा’ है- सन् 1899 में पडे़ अकाल का नाम सन् 1842-43 में पडे़ अकाल का नाम सन् 1987-88 में पडे़ अकाल का नाम सन् 1949 में पडे़ अकाल का नाम 18 / 2018. राजस्थान का कौनसा क्षेत्र अकाल एवं सूखे से सर्वाधिक प्रभावित है? मध्यवर्ती पर्वतीय क्षेत्र पूर्वी मैदानी क्षेत्र उत्तर-पश्चिमी मरुस्थलीय क्षेत्र दक्षिण-पूर्वी पठारी क्षेत्र 19 / 2019. मानसून की विफलता के कारण खेती की आमदनी को होने वाले नुकसान का बीमा करने के लिए सूखा सुरक्षा कवच योजना संचालित की जा रही है- राज्य बीमा विभाग द्वारा साधारण बीमा निगम द्वारा एग्रीकल्चर इंश्योरेंश कम्पनी ऑफ इंडिया द्वारा ओरिएंटल इंश्योरेंस कम्पनी द्वारा 20 / 2020. 20वीं शताब्दी का सर्वाधिक भीषण अकाल रहा- 1949 1910 1987-88 1967-68 Your score isThe average score is 38% Facebook Twitter 0% Restart quiz
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